
1986 में बनी फिल्म “ऐसा प्यार कहाँ” एक ऐसी भावनात्मक रोलरकोस्टर है जो भाई-बहन के रिश्ते को नमकीन आंसुओं और मीठे बलिदानों से भर देती है। ये फिल्म उस दौर की है जब भावनाएं CGI से नहीं, चेहरे की भावभंगिमा से बताई जाती थीं।
निर्देशक विजय सदाना ने हमें एक ऐसी कहानी दी जिसमें “अन्ना” सिर्फ सुपरस्टार नहीं, बलिदान का पर्याय है।
ये फिल्म नहीं, राखी की कसमें है!
सागर और पूजा – भाई-बहन का वो जोड़ा जो एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर सकता है। और “कुछ भी” का मतलब है literally अपनी मोहब्बत कुर्बान कर देना, फैक्ट्री खरीद लेना, आँखें खो देना और… अंत में दुनिया ही छोड़ देना।
“भाई के बिना बहन अधूरी, और बहन के बिना भाई मजबूरी” – इस फिल्म का अनकहा मोटिफ है।
डायलॉग ड्रामा और पावर-पैक्ड इमोशन्स
इस फिल्म में आंसुओं की बाढ़ और बलिदानों की आंधी है।
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एक भाई जिसने बहन के लिए प्यार छोड़ दिया
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एक बहन जिसने भाई के लिए रिश्ता बचाया
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और एक विलेन (बिंदु जी, obviously!) जो हर सीन में “साबुन” की कमी नहीं होने देती
“ऐसा प्यार कहाँ?” – ये सिर्फ गाना नहीं, philosophical question है, जिसका जवाब इस फिल्म में है… और शायद आजकल की इंस्टाग्राम reel culture में नहीं।
कास्टिंग गोल्ड: जीतेंद्र & पद्मिनी = Pure भावनात्मक बम
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Jeetendra as Sagar: सफेद जूतों के अलावा इमोशन्स भी match किए
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Padmini Kolhapure as Pooja: आँसू बहाने की मास्टरक्लास
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Mithun as Suraj: Disco King, लेकिन यहाँ Love King
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Jaya Prada as Sarita: Supporting role, लेकिन दिल जीत लिया
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Bindu as Kalpana: अगर ड्रामा का मीटर होता, तो यहाँ ब्लास्ट हो जाता
साउंडट्रैक: रक्षाबंधन वाला राग
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का म्यूजिक और आनंद बक्शी के lyrics इस फिल्म को दिल से connect करते हैं।
गाने जैसे:
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“ऐसा प्यार कहाँ” – जो theme बन गया
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“सावन का महीना” – emotional तूफान
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“क्या कहना क्या जोड़ी है” – जब सब ठीक था… कुछ समय के लिए!
अगर आज की जनरेशन ये फिल्म देखे तो कहेगी –
“ये सब करके कोई क्यों जिंदा रहता है?”
लेकिन 80s में यही था सच्चा प्यार — बिना शेयर किए, बिना स्टोरी डाले, सिर्फ त्याग करके।
और हाँ, उस वक्त विलेन की स्कीमिंग WhatsApp ग्रुप चैट से नहीं, अदाओं और एक्सप्रेशन से होती थी।
“ऐसा प्यार” – अब शायद सिर्फ पुरानी फिल्मों में मिलता है
रक्षाबंधन पर ये फिल्म देखना मतलब अपनी आँखों को प्याज फ्री आंसुओं से साफ़ करना। सागर और पूजा का रिश्ता remind करता है कि प्यार सिर्फ रोमांस नहीं, त्याग भी होता है।
और अगर आप पूछें — “ऐसा प्यार अब कहाँ?”
तो जवाब यही है — “इसी फिल्म में!”
अगर आप अपनी बहन को इस फिल्म के साथ रक्षाबंधन पर surprise दो, तो गिफ्ट देने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी — इमोशन्स ही काफी होंगे!